ठीक से नींद न आने से बन सकते हैं माइग्रेन के मरीज

ठीक से नींद न आने से बन सकते हैं माइग्रेन के मरीज

सेहतराग टीम

पर्याप्त नींद से न सिर्फ तन और मन स्वस्थ रहता है बल्कि सेहत से जुडी कई समस्याओं से बचाव भी हो सकता है। हाल ही में किये गए अध्ययन में पाया गया है कि नींद की गड़बड़ी से माइग्रेन का खतरा हो सकता है। माइग्रेन में सिर के एक हिस्से में तेज दर्द होता है। इसकी तीव्रता घटती और बढ़ती रहती है।

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अमेरिका के ब्रिघम एंड वुमेंस के शोधकर्ताओं ने अध्ययन में पाया कि माइग्रेन से पीड़ित आधे रोगियों ने नींद की गड़बड़ी की बात कही। यह परिणाम 98 वयस्कों पर किये गए अध्ययन के आधार पर निकला है। यह अध्ययन नींद और माइग्रेन और सिरदर्द के बीच संबंध का पता लगाने के लिए किया गया था।

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प्रमुख शोधकर्ता सुजैन बर्टिस्क ने कहा, हमने नींद के संबंध में जब कुछ खास पहलुओं पर गौर किया तो नींद का सीधा संबंध माइग्रेन से पाया। इस रिसर्च में सामने आया है कि नींद न आना, सिर्फ अगले ही दिन ही परेशान नहीं करता है बल्कि यह कुछ दिन बाद भी असर दिखा सकता है। मेरे पास ऐसे  पेशंट भी आते हैं, जिनकी इनसोमनिया की परेशानी को ट्रीट करना होता है। नींद की समस्या के इलाज के दौरान सबसे बड़ा बात यह होती है कि मरीज को माइग्रेन की समस्या से दूर कैसे रखा जाए। लेकिन इस बारे में कुछ खास जानकारी उपलब्ध नहीं है कि किस प्रकार की नींद उन्हें यानी REM और NREM उन्हें माइग्रेन के रिस्क से ज्यादा सुरक्षित रख सकती है।

 

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